ड्रोन (Drone)
ड्रोन एक प्रकार का मानवरहित हवाई यान (UAV) है, जिसे बिना पायलट के रिमोट कंट्रोल,
कंप्यूटर या स्वचालित प्रणाली द्वारा उड़ाया जाता है। इसका उपयोग आज
फोटोग्राफी, सर्वेक्षण, सुरक्षा,
कृषि और सैन्य क्षेत्रों में व्यापक रूप से किया जा रहा है।
ड्रोन के जनक (Father of Drone)
अब्राहम कारेम (Abraham Karem) को ड्रोन का जनक (Father of Drone) कहा
जाता है।
वे एक प्रसिद्ध इंजीनियर और आविष्कारक थे, जिन्होंने आधुनिक मानवरहित हवाई वाहनों (UAV – Unmanned
Aerial Vehicles) की तकनीक विकसित की। अब्राहम कारेम को ड्रोन
का जनक इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने पहला आधुनिक UAV “अल्बाट्रॉस (Albatross)” डिज़ाइन और निर्मित
किया। इसके बाद उन्होंने “प्रिडेटर (Predator)” ड्रोन विकसित किया।
ड्रोन
की परिभाषाएँ
ड्रोन एक मानवरहित
उड़ने वाला उपकरण है जिसे रिमोट कंट्रोल द्वारा नियंत्रित किया जाता
है।
अथवा
ड्रोन एक ऐसी उड़ने वाली मशीन है जिसमें पायलट नहीं होता और
इसे दूर से संचालित किया जाता है।
अथवा
ड्रोन एक हवाई
मशीन है जो हवा में उड़ती है और कैमरा या सेंसर की सहायता से कार्य
करती है।
अथवा
ड्रोन एक हवाई
उपकरण है जिसे रिमोट कंट्रोल के माध्यम से चलाया जाता है।
अथवा
ड्रोन एक मानवरहित हवाई वाहन है जिसे रिमोट कंट्रोल या स्वचालित
प्रणाली द्वारा संचालित किया जाता है।
ड्रोन के घटक (Components
of Drone)
1. प्रोपेलर (Propellers)
2.
मोटर (Motor)
a)
तीन-चरण
मोटर (Three Phase Motor)
b)
दो-चरण
मोटर (Two Phase Motor)
3.
फ्रेम (Frame)
4.
बैटरी (Battery)
5.
कैमरा (Camera)
6.
जीपीएस (GPS – Global Positioning System)
7.
उड़ान
नियंत्रक (Flight Controller)
8.
ईएससी (ESC – Electronic Speed Controller)
9.
विद्युत
वितरण बोर्ड (PDB – Power Distribution
Board)
10. VTX / VRX (Video Transmitter / Video Receiver)
1. प्रोपेलर (Propellers)
प्रोपेलर
ड्रोन को हवा में उठाने और उड़ान देने का कार्य करते हैं। जब मोटर प्रोपेलर को
घुमाती है, तो यह नीचे की ओर हवा
को धकेलता है, जिससे ड्रोन ऊपर उठता है।
विशेषताएँ:
- प्लास्टिक या कार्बन फाइबर से
बने होते हैं
- कार्बन फाइबर प्रोपेलर हल्के, मजबूत और टिकाऊ होते हैं
- प्रोपेलर का आकार और गति ड्रोन
की उड़ान पर प्रभाव डालती है
2. मोटर (Motor)
मोटर प्रोपेलर
को घुमाने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है और ड्रोन को उड़ने में मदद करती है।
मोटर के
प्रकार:
(क) तीन-चरण मोटर (Three Phase Motor):
- हल्की और शक्तिशाली
- कम ऊर्जा में अधिक गति (High RPM)
- अधिक सटीक नियंत्रण
- ड्रोन में सबसे अधिक उपयोग की
जाती है
(ख) दो-चरण मोटर (Two Phase Motor):
- भारी और आकार में बड़ी
- अधिक ऊर्जा की खपत
- ड्रोन में कम उपयोग होती है
3. फ्रेम (Frame)
फ्रेम को
ड्रोन का कंकाल (Skeleton) कहा जाता है।
कार्य:
- सभी घटकों को एक साथ पकड़कर रखना
- ड्रोन को मजबूती और संतुलन
प्रदान करना
- उड़ान के दौरान होने वाले कंपन
और झटकों से सुरक्षा
4. बैटरी (Battery)
बैटरी ड्रोन
के सभी भागों को बिजली प्रदान करती है।
विशेषताएँ:
- सामान्यतः लिथियम पॉलिमर (Li-Po) बैटरी का उपयोग
- हल्की होती है
- अधिक शक्ति और तेज़ चार्जिंग
क्षमता
5. कैमरा (Camera)
ड्रोन में
कैमरा होना या न होना उसके उपयोग पर निर्भर करता है।
प्रकार व
उपयोग:
- कुछ ड्रोन बिना कैमरे के
- फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के
लिए HD या 4K कैमरे
- सर्वेक्षण, मैपिंग और निगरानी में उपयोग
6. जीपीएस (GPS – Global Positioning System)
GPS ड्रोन की स्थिति और
दिशा की सटीक जानकारी देता है।
GPS से प्राप्त जानकारी:
- अक्षांश (Latitude)
- देशांतर (Longitude)
- ऊँचाई (Elevation)
- दिशा (Direction)
GPS ड्रोन की नेविगेशन
और सुरक्षित उड़ान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
7. उड़ान नियंत्रक (Flight Controller)
इसे ड्रोन का
मस्तिष्क (Brain) कहा जाता है।
कार्य:
- ड्रोन का संतुलन बनाए रखना
- दिशा बदलना
- ऑपरेटर के आदेशों का पालन करना
- सभी सेंसर और सिस्टम को
नियंत्रित करना
8. ईएससी (ESC – Electronic Speed Controller)
ESC मोटर की गति को
नियंत्रित करता है।
कार्य:
- मोटर में प्रवाहित विद्युत धारा
को नियंत्रित करना
- प्रोपेलर की गति तय करना
- ब्रशलेस DC मोटर में उपयोग
9. विद्युत वितरण बोर्ड (PDB – Power Distribution
Board)
PDB ड्रोन के सभी
विद्युत घटकों को बिजली वितरित करता है।
कार्य:
बैटरी से मिलने वाली बिजली को
1
मोटर
2
ESC
3
अन्य इलेक्ट्रॉनिक भागों तक पहुँचाना
10. VTX / VRX (Video Transmitter / Video Receiver)
ये FPV (First Person View) सिस्टम के प्रमुख भाग हैं।
VTX (Video
Transmitter):
- कैमरे से वीडियो सिग्नल भेजता है
VRX (Video
Receiver):
- वीडियो सिग्नल प्राप्त करता है
- FPV मॉनिटर या चश्मे पर दिखाता है
ड्रोन का वर्गीकरण (Classification of Drones)
ड्रोन को उनके आकार, क्षमता और उपयोग के आधार पर विभिन्न वर्गों में बाँटा जाता है। आकार के
आधार पर ड्रोन का वर्गीकरण निम्न प्रकार है
1.
आकार के आधार पर
2.
संरचना के आधार पर ड्रोन का वर्गीकरण
3.
पेलोड क्षमता के आधार पर ड्रोन का वर्गीकरण
1-
आकार के आधार पर:-
(क) नैनो ड्रोन (Nano
Drones):- ये ड्रोन बहुत छोटे होते हैं और सामान्यतः कीट के आकार के होते
हैं। इनका वजन बहुत कम होता है और ये सीमित क्षेत्र में उड़ान भर सकते हैं।
उपयोग:
1.
जासूसी (Spy Activities)
2.
निगरानी (Surveillance)
3.
अनुसंधान
और विशेष मिशन
(ख) छोटे ड्रोन (Small
Drones):-
ये नैनो ड्रोन से थोड़े बड़े होते हैं और उड़ाने में आसान होते हैं।
उपयोग:
1.
मनोरंजन (Recreational Use)
2.
फोटोग्राफी
और वीडियोग्राफी
3.
शैक्षणिक
अभ्यास
(ग) मध्यम ड्रोन (Medium
Drones):- ये आकार में बड़े और अधिक शक्तिशाली होते हैं। इन्हें उड़ाने
के लिए अधिक ऊर्जा और उन्नत नियंत्रण प्रणाली की आवश्यकता होती है।
उपयोग:
1.
भूमि
सर्वेक्षण
2.
मैपिंग
3.
व्यावसायिक
कार्य
4.
औद्योगिक
निरीक्षण
(घ) बड़े ड्रोन (Large
Drones):- ये ड्रोन छोटे विमानों जैसे दिखाई देते हैं और अत्यधिक
शक्तिशाली होते हैं। इनकी उड़ान सीमा और पेलोड क्षमता अधिक होती है।
उपयोग:
1.
सैन्य
कार्य
2.
सीमा
सुरक्षा
3.
निगरानी
और रक्षा
4.
विशेष
तकनीकी मिशन
2. संरचना के आधार पर ड्रोन का वर्गीकरण
ड्रोन को
उनकी बनावट (संरचना) और उड़ान के तरीके के आधार पर भी विभिन्न प्रकारों में
बाँटा जाता है।
1. मल्टी-रोटर ड्रोन (Multi-Rotor Drones)
इन ड्रोन में
एक से अधिक रोटर (मोटर) लगे होते हैं, जैसे—
ट्राइकोप्टर (3 रोटर), क्वाडकॉप्टर (4 रोटर) और हेक्साकॉप्टर (6 रोटर)।
विशेषताएँ:
- हवा में स्थिर (Hover) रह सकते हैं
- उड़ान पर अच्छा नियंत्रण
- उड़ाने में आसान
उपयोग:
- फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी
- निगरानी (Surveillance)
- मनोरंजन और निरीक्षण
2. फिक्स्ड-विंग ड्रोन (Fixed-Wing Drones)
इन ड्रोन की
संरचना हवाई जहाज जैसी होती है और इनमें पंख (Wings) होते हैं।
विशेषताएँ:
- लंबी दूरी तक उड़ान
- कम ऊर्जा की खपत
- अधिक उड़ान समय
उपयोग:
- सर्वेक्षण
- कृषि निरीक्षण
- बड़े क्षेत्र की मैपिंग
3. सिंगल-रोटर ड्रोन (Single-Rotor Drones)
इन ड्रोन में
केवल एक मुख्य रोटर होता है, जो हेलीकॉप्टर की तरह काम करता है।
विशेषताएँ:
- भारी पेलोड उठाने की क्षमता
- लंबी उड़ान अवधि
- शक्तिशाली इंजन
उपयोग:
- सैन्य कार्य
- भारी उपकरणों की ढुलाई
- वैज्ञानिक अनुसंधान
4. फिक्स्ड-विंग हाइब्रिड VTOL ड्रोन:-
VTOL का अर्थ है Vertical
Take-Off and Landing, यानी ये ड्रोन बिना रनवे के सीधे ऊपर उड़ान
भर और उतर सकते हैं।
विशेषताएँ:
- लंबी दूरी तक उड़ान
- रनवे की आवश्यकता नहीं
- फिक्स्ड-विंग की गति और
मल्टी-रोटर की स्थिरता
उपयोग:
- सैन्य मिशन
- आपदा प्रबंधन
- डिलीवरी सेवाएँ
- उन्नत मैपिंग
3-
पेलोड क्षमता के आधार पर ड्रोन का वर्गीकरण
पेलोड क्षमता का
अर्थ है—ड्रोन द्वारा उठाया या
ले जाया जाने वाला अतिरिक्त भार, जैसे कैमरा, सेंसर, उपकरण, दवाइयाँ या अन्य
सामग्री। पेलोड क्षमता के आधार पर ड्रोन को निम्न वर्गों में बाँटा जाता है।
1. फेदर वेट ड्रोन (Feather Weight Drones)
ये ड्रोन
बहुत हल्के होते हैं और सामान्यतः नैनो श्रेणी में आते हैं।
विशेषताएँ:
- वजन लगभग 4 ग्राम से 100 ग्राम
- पेलोड क्षमता बहुत कम
उपयोग:
- शैक्षणिक उद्देश्य
- शोध कार्य
- इनडोर उड़ान और प्रयोग
2. लाइट वेट ड्रोन (Light Weight Drones)
इन्हें अक्सर
मिनी ड्रोन भी कहा जाता है।
विशेषताएँ:
- वजन 200 ग्राम से 1 किलोग्राम तक
- सीमित पेलोड क्षमता
उपयोग:
- फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी
- मनोरंजन
- छोटे व्यावसायिक कार्य
3. मिडिल वेट ड्रोन (Middle Weight Drones)
ये ड्रोन
आकार और शक्ति में मध्यम होते हैं और उन्नत तकनीक से युक्त होते हैं।
विशेषताएँ:
- मध्यम पेलोड उठाने की क्षमता
- स्थिर और लंबी उड़ान
उपयोग:
- व्यावसायिक कार्य
- सर्वेक्षण और मैपिंग
- सैन्य निगरानी और टोही कार्य
4. हेवी लिफ्ट ड्रोन (Heavy Lift Drones)
ये ड्रोन
बहुत बड़े और अत्यधिक शक्तिशाली होते हैं।
विशेषताएँ:
- वजन 160 किलोग्राम से अधिक
- बहुत अधिक पेलोड उठाने की क्षमता
उपयोग:
- सैन्य अभियान
- भारी सामान की ढुलाई
- आपदा प्रबंधन
- विशेष रक्षा और तकनीकी कार्य
UAV
UAV (Unmanned Aerial Vehicle) को हिंदी में मानवरहित हवाई वाहन कहा जाता है।
यह ऐसा विमान होता है जिसे उड़ाने के लिए उसमें कोई पायलट बैठा नहीं
होता। इसे रिमोट कंट्रोल, कंप्यूटर सिस्टम या
स्वचालित प्रोग्राम की सहायता से उड़ाया जाता है।
UAV की विशेषताएँ:
- बिना पायलट के उड़ान
- दूर से नियंत्रित या स्वचालित
संचालन
- छोटे से लेकर बड़े आकार में
उपलब्ध
UAV के उपयोग:
- निगरानी और सुरक्षा
- कृषि कार्य (फसल निरीक्षण, छिड़काव)
- आपदा प्रबंधन
- सैन्य और रक्षा कार्य
UAS
UAS (Unmanned Aircraft System) को हिंदी में मानवरहित विमान प्रणाली कहा जाता है।
UAS केवल ड्रोन (UAV) ही नहीं होता, बल्कि ड्रोन को उड़ाने, नियंत्रित करने और
सुरक्षित रूप से संचालित करने से जुड़े सभी घटकों का पूरा सिस्टम होता है।
UAS में शामिल घटक:
- UAV (ड्रोन)
- ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (Remote Controller)
- संचार प्रणाली (Communication Link)
- GPS, सेंसर और सॉफ्टवेयर
UAS का कार्य:
UAS ड्रोन की उड़ान, नियंत्रण, नेविगेशन, डेटा संग्रह और सुरक्षित संचालन को
सुनिश्चित करता है।
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