लंबे उत्तर वाले प्रश्न
1. फ्लोचार्ट क्या है? फ्लोचार्ट में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रतीकों को समझाइए।
उत्तर:- फ्लोचार्ट एक ग्राफिकल प्रस्तुति है जो किसी एल्गोरिदम या प्रक्रिया को विभिन्न प्रतीकों और तीरों के माध्यम से दिखाती है। यह एक प्रोग्राम की तर्कशक्ति को समझने में सहायता करता है और जटिल प्रक्रियाओं के डिज़ाइन और विश्लेषण के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
फ्लोचार्ट में उपयोग किए जाने वाले प्रतीक:
- टर्मिनेटर प्रतीक (अंडाकार): फ्लोचार्ट की शुरुआत और अंत को दर्शाता है।
- प्रोसेस प्रतीक (आयत): किसी प्रक्रिया, गणना, या क्रिया को दर्शाता है।
- निर्णय प्रतीक (हीरा): किसी निर्णय-निर्माण की स्थिति को दर्शाता है, जिसका परिणाम "हाँ" या "नहीं" हो सकता है।
- इनपुट/आउटपुट प्रतीक (समांतर चतुर्भुज): उपयोगकर्ता से इनपुट लेने या आउटपुट दिखाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- कनेक्टर प्रतीक (वृत्त): जब फ्लोचार्ट को अगले भाग में जोड़ना होता है, तो इसका उपयोग किया जाता है।
- तीर (एरो लाइन): प्रक्रिया के प्रवाह को दिखाने के लिए उपयोग किया जाता है।
फ्लोचार्ट योजना बनाने, समस्या निवारण और दस्तावेज़ीकरण के लिए उपयोगी होते हैं और त्रुटियों को दूर करने में सहायता करते हैं।
2. छद्म कोड (Pseudo Code) और एल्गोरिदम क्या है?
उत्तर:-
एल्गोरिदम किसी समस्या को हल करने के लिए उठाए जाने वाले चरणों का क्रमबद्ध विवरण होता है। यह स्पष्ट रूप से परिभाषित क्रियाओं का एक सेट होता है जो किसी विशिष्ट कार्य को पूरा करने में सहायता करता है।
छद्म कोड (Pseudo Code) एक मानव-पठनीय प्रोग्रामिंग संरचना है जो वास्तविक कोड की तरह दिखती है लेकिन इसमें कोई सख्त नियम नहीं होते। यह प्रोग्रामिंग तर्क को समझाने में मदद करता है और इसे आसानी से किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा में बदला जा सकता है।
उदाहरण:
दो संख्याओं को जोड़ने के लिए एल्गोरिदम:
- प्रारंभ करें
- दो संख्याएँ A और B लें
- योग = A + B करें
- योग को प्रदर्शित करें
- समाप्त करें
Pseudo Code:
छद्म कोड प्रोग्रामिंग भाषा में लॉजिक को बदलने में मदद करता है।
3. टॉप-डाउन और बॉटम-अप दृष्टिकोण क्या है? समझाइए।
उत्तर:-
टॉप-डाउन (ऊपर से नीचे) दृष्टिकोण:
- इसमें समस्या को पहले समग्र रूप से देखा जाता है और फिर इसे छोटे-छोटे उप-समस्याओं में विभाजित किया जाता है।
- प्रत्येक उप-समस्या को हल करने के बाद उन्हें जोड़कर समस्या का समाधान किया जाता है।
- उदाहरण: पहले मुख्य फ़ंक्शन को लिखना और फिर सहायक फ़ंक्शनों को परिभाषित करना।
बॉटम-अप (नीचे से ऊपर) दृष्टिकोण:
- इसमें सबसे पहले छोटे कार्यों को हल किया जाता है।
- छोटे कार्यों को मिलाकर बड़े समाधान बनाए जाते हैं।
- उदाहरण: पहले सहायक फ़ंक्शनों को बनाना और फिर मुख्य फ़ंक्शन में उन्हें उपयोग करना।
यह दोनों दृष्टिकोण सॉफ़्टवेयर विकास में उपयोग किए जाते हैं।
4. परीक्षण (Testing) और डिबगिंग (Debugging) क्या है?
उत्तर:-
परीक्षण (Testing):
- यह प्रोग्राम को विभिन्न परीक्षण मामलों के साथ निष्पादित करके उसकी शुद्धता को जांचने की प्रक्रिया है।
- इसमें बग्स और परफॉर्मेंस समस्याओं का पता लगाया जाता है।
- उदाहरण: यूनिट टेस्टिंग, इंटीग्रेशन टेस्टिंग आदि।
डिबगिंग (Debugging):
- यह कोड में पाई गई त्रुटियों को खोजने और उन्हें ठीक करने की प्रक्रिया है।
- इसमें ब्रेकपॉइंट, प्रिंट स्टेटमेंट और डिबगिंग टूल्स का उपयोग किया जाता है।
ये दोनों प्रक्रियाएँ सॉफ़्टवेयर को त्रुटि मुक्त बनाने के लिए आवश्यक होती हैं।
5. निर्णय तालिका (Decision Table) क्या है?
उत्तर:- निर्णय तालिका एक तार्किक स्थितियों और उनके संभावित कार्यों को सारणीबद्ध रूप में प्रस्तुत करने की विधि है। यह निर्णय-निर्माण प्रक्रिया को सरल बनाती है।
शर्त | A > 10 | B < 5 | क्रिया |
---|---|---|---|
केस 1 | हाँ | हाँ | "मान्य" छापें |
केस 2 | हाँ | नहीं | "अमान्य" छापें |
केस 3 | नहीं | कोई भी | "त्रुटि" छापें |
निर्णय तालिकाएँ जटिल लॉजिक को सरल करने में मदद करती हैं।
6. प्रोग्रामिंग भाषा क्या है? इसके दो प्रकार समझाइए।
उत्तर:- प्रोग्रामिंग भाषा वह भाषा है जिसका उपयोग कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए किया जाता है।
प्रोग्रामिंग भाषाओं के प्रकार:
निम्न स्तरीय भाषा (Low-Level Language):
- मशीन भाषा (बाइनरी कोड) और असेंबली भाषा शामिल हैं।
- यह हार्डवेयर के करीब होती हैं।
- उदाहरण: असेंबली भाषा।
उच्च स्तरीय भाषा (High-Level Language):
- इसे मानव द्वारा आसानी से समझा जा सकता है।
- कंपाइलर या इंटरप्रेटर की सहायता से इसे मशीन भाषा में परिवर्तित किया जाता है।
- उदाहरण: C, Python, Java।
संक्षिप्त उत्तर वाले प्रश्न
1. फ्लोचार्ट के लाभ लिखें।
उत्तर:-
- जटिल समस्याओं को सरल बनाता है।
- प्रोग्रामिंग लॉजिक को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
- त्रुटियों को ठीक करने में सहायता करता है।
- सॉफ़्टवेयर योजना और दस्तावेज़ीकरण में सहायक होता है।
2. दस्तावेज़ीकरण क्या है?
उत्तर:- किसी प्रोग्राम की कार्यप्रणाली, कोड संरचना, और उपयोगकर्ता निर्देशों का लिखित विवरण दस्तावेज़ीकरण कहलाता है।
3. छद्म कोड के लाभ एवं हानि लिखें।
उत्तर:-
लाभ:
- पढ़ने और समझने में आसान।
- आसानी से कोड में परिवर्तित किया जा सकता है।
हानि:
- कोई सख्त सिंटैक्स नहीं।
- इसे सीधे कंप्यूटर द्वारा निष्पादित नहीं किया जा सकता।
4. ट्रांसलेटर क्या है?
उत्तर:- ट्रांसलेटर एक सॉफ़्टवेयर है जो उच्च स्तरीय भाषा को मशीन कोड में बदलता है। उदाहरण: कंपाइलर, इंटरप्रेटर, असेम्बलर।
5. कंपाइलर और इंटरप्रेटर में दो अंतर लिखें।
उत्तर:-
- कंपाइलर पूरा प्रोग्राम एक बार में अनुवाद करता है, जबकि इंटरप्रेटर इसे लाइन-बाय-लाइन करता है।
- कंपाइलर तेज होता है, जबकि इंटरप्रेटर धीमा होता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
निर्णय प्रतीक का उपयोग किया जाता है:
उत्तर:- (a) शर्त लिखने के लिएटर्मिनल बॉक्स का आकार होता है:
उत्तर:- (b) अंडाकारफ्लोचार्ट में कनेक्टर का उपयोग किया जाता है:
उत्तर:- (b) जारी रखने के लिएप्रोसेस प्रतीक का उपयोग किया जाता है:
उत्तर:- (b) डेटा/निर्देश को प्रोसेस करने के लिएदिए गए छद्म कोड का आउटपुट क्या होगा?
उत्तर:- (c) bपुनरावृत्ति की प्रक्रिया को कहा जाता है:
उत्तर:- (c) लूपिंगफ्लोचार्ट और एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है:
उत्तर:- (d) उपरोक्त सभी के लिएजो मेमोरी एक लाइन में अनुवाद करती है:
उत्तर:- (a) इंटरप्रेटर
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